जी हां, हम बात कर रहे हैं पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की एसआइएमएच शाखा की। राज्य मानसिक स्वास्थ्य संस्थान (एसआईएमएच) में वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट, साइक्रेटिक सोसयल वर्कर व एमफिल के विद्यार्थियों को पुस्तकालय की जरूरत पड़ती है। यहां के पुस्तकालय में स्वीकृत लिपिक, सहायक व पुस्कालयाध्यक्ष की पोस्ट खाली पड़ी है। इनकी जगह विभाग द्वारा यहीं के चिकित्सकों की नियुक्ति कर काम चलाया जा रहा है। संस्थान के कुछ चिकित्सकों ने बताया कि इस समस्या के चलते अधिकांश समय पुस्कालय बंद रहता है। इसके चलते महज कुछ समय ही पुस्तकें जारी की जाती हैं। वहीं विभाग की मानें तो संस्थान का यह पुस्तकालय अन्य स्थानों से बिल्कुल अलग है, यहां मरीजों व उनके अभिभावकों को छोड़कर हर कोई यह कार्य कर सकता है। गौरतलब है कि, एसआइएमएच के पुस्तकालय में सैकड़ों किताबें व लाखों रुपये के जरनल रखे गए हैं। इन्हें संस्थान के मुख्य पुस्तकालय से चिकित्सकों व एमफिल के विद्यार्थियों की सुविधा के लिए अलग किया गया था। लेकिन इनकी सुरक्षा व रखरखाव का जिम्मा फिलहाल राम भरोसे ही है।
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