राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी-नेट) में स्टूडेंट्स को इस बार जबर्दस्त सफलता मिली है। यूजीसी ने जून-2012 में आयोजित परीक्षा के परिणाम मंगलवार को घोषित कर दिए। इसमें 40,332 स्टूडेंट्स ने लेक्चररशिप के लिए क्वालिफाई किया है, जबकि 3,625 स्टूडेंट्स जूनियर रीसर्च फेलोशिप (जेआअएफ) पाने में सफल रहे हैं।
परीक्षा परिणाम पर प्रश्नपत्रों के प्रारूप मे किए गए बदलाव का असर साफ दिखा। इस बार परीक्षा में तृतीय प्रश्नपत्र भी वस्तुनिष्ठ आधारित हो गया था, जबकि पूर्व में यह प्रश्नपत्र सब्जेक्टिव हुआ करता था। परीक्षा के प्रथम और द्वितीय प्रश्नपत्र पहले की तरह ऑब्जेक्टिव ही थे। प्रारूप में बदलाव के साथ ही अच्छी सफलता की उम्मीद की जा रही थी। इसकी वजह से इस बार अभ्यर्थियों की संख्या भी दोगुने से अधिक हो गई थी। इस बार पेपर भी अपेक्षाकृत आसान आया था।
दिसंबर 2011 में ली गई यूजीसी नेट परीक्षा में मात्र 10,622 स्टूडेंट्स ही लेक्चररशिप की पात्रता प्राप्त कर पाए थे। यूजीसी-नेट की परीक्षा में इस बार 5 लाख 71 हजार 627 स्टूडेंट्स बैठे थे। यूजीसी ने सामान्य श्रेणी के लिए न्यूनतम उत्तीर्ण अंक 65 फीसदी, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 60 फीसदी, अनुसूचित जाति, जनजाति तथा विकलांग के लिए 55 फीसदी तय किए थे।
व्याख्याता पद के लिए अर्हता के तौर पर यह परीक्षा कराने वाले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने उत्तर कुंजी और प्रश्नपत्र अपनी वेबसाइट पर डाल दिए हैं और उम्मीदवारों से फीडबैक आमंत्रित किए हैं। यूजीसी ने एक बयान में कहा कि उत्तर कुंजी की फिर से पड़ताल की गई और अंतिम परीक्षा फल देने से पहले जहां भी आवश्यक समझा गया, वहां चीजें दुरुस्त कर दी गई।
आयोग ने अभ्यर्थियों से 30 दिन के भीतर रिजल्ट को लेकर आपत्ति मांगी है। आयोग ने कहा है किसभी अभ्यर्थियों की पेपर एक, पेपर दो व पेपर तीन की ओएमआर शीट को 30 दिन के बाद मिटा दिया जाएगा।
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