Sunday, 1 July 2012

डासना (गाजियाबाद) जेल में बनी कंप्यूटराइज्ड लाइब्रेरी

देशी-विदेशी चार हजार पुस्तकें मिलीं, बिरला इंस्टीट्यूट ने बनवाया पुस्तकालय 
बंदी कर सकेंगे किताबों की डिमांड

बुलंदशहर/गाजियाबाद। डासना जेल इतिहास बनाने जा रही है। हाई प्रोफाइल बंदियों के कारण चर्चित गाजियाबाद की इस जेल में देश की प्रमुख शैक्षणिक संस्था बिरला इंस्टीट्यूट ने अत्याधुनिक पुस्तकालय बनवाया है। 10 लाख रुपये से निर्मित इस कंप्यूटराइज्ड पुस्तकालय में देश-विदेश के प्रख्यात लेखकों की चार हजार से अधिक पुस्तकें हैं। जेल में बंदी अपनी रुचि की पुस्तकों की डिमांड कर बैरकों में मंगा सकेंगे। डासना जेल में प्रदेश की पहली आधुनिक कंप्यूटराइज्ड लाइब्रेरी होगी। फरवरी के पहले सप्ताह में इसका शुभारंभ होगा। 
आईएसओ प्रमाणित डासना जेल में बंदी सुधार कार्यक्रम के तहत कई कार्य हुए। जेल में सहकारी बैंक समेत कई प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहे हैं। ग्रेटर नोएडा की प्रमुख शिक्षण संस्थान बिरला इंस्टीट्यट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी (बिमटेक) के डायरेक्टर डॉ. हरवंश चतुर्वेदी एनजीओ रंगनाथन सोसायटी सोशल वेलफेयर एंड लाइब्रेरी के अध्यक्ष हैं। वे देश में 11 आधुनिक लाइब्रेरी का निर्माण करवा चुके हैं। एनजीओ सचिव डॉ. रिशी तिवारी ने गाजियाबाद की डासना जेल में लाइब्रेरी खोलने का प्रस्ताव जेल अधीक्षक डॉ. वीरेश राज को दिया।
जेल अधीक्षक ने प्रस्ताव को स्वीकृत करते हुए स्थान मुहैया करा दिया। डॉ. तिवारी ने जेल में विजिट कर बंदियों से जानकारी कर सर्वे किया। इसके बाद फर्नीचर, दो कंप्यूटर, ऑनलाइन सॉफ्टवेयर, 20 अलमारियां, वाईफाई, प्रिंटर आदि से मुहैया कराया गया। खास बात है कि लाइब्रेरी का सारा डाटा ऑनलाइन होगा। प्रत्येक बैरक में पुस्तकों का कैटलॉग होगा। बैरक में बैठा बंदी मनचाही पुस्तक की डिमांड लाइब्रेरी भेजेगा। शाम तक पुस्तक बंदी के पास होगी। पांच दिन तक बिमटेक के लाइब्रेरियन स्वच्छ छवि के बंदियों को ट्रेनिंग देंगे। पुस्तकालय शुरू होते ही पहले दिन से देखभाल की जिम्मेदारी चार बंदियों पर होगी। 
शुरुआत में चार हजार पुस्तकें अंग्रेजी, उर्दू और हिंदी आदि भाषाओं की रखी गई हैं। विदेशी बंदियों की रुचि को भी ध्यान में रखा जाएगा। हर माह बंदियों से फीड बैक का फॉर्म भरवाया जाएगा। जिससे उनकी पसंदीदा पुस्तक पब्लिकेशन से मंगवाई जा सके। श्रीमद् भागवद गीता, रामायण, मुंशी प्रेमचंद्र समेत विदेशी लेखकों की पुस्तकें यहां होंगी। सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, इतिहास आदि समसामयिक विषयों की पुस्तकें भी रहेंगी।

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