कैथल, जागरण संवाद केंद्र :
लोक निर्माण मंत्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि स्वामी विवेकानंद पुस्तकालय के स्थापना से यह क्षेत्र ज्ञान, विज्ञान और अध्यात्म के केंद्र के रूप में उभरेगा। इसके शुरू होने से जहा बाल गोपालों को ज्ञान अर्जित करने की जगह मिलेगी, वहीं शहर के बीचों-बीच स्थित होने से नगर के हर हिस्से के लोग इससे लाभान्वित हो सकेंगे।
लोक निर्माण मंत्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि स्वामी विवेकानंद पुस्तकालय के स्थापना से यह क्षेत्र ज्ञान, विज्ञान और अध्यात्म के केंद्र के रूप में उभरेगा। इसके शुरू होने से जहा बाल गोपालों को ज्ञान अर्जित करने की जगह मिलेगी, वहीं शहर के बीचों-बीच स्थित होने से नगर के हर हिस्से के लोग इससे लाभान्वित हो सकेंगे।
सुरजेवाला सोमवार को जवाहर पार्क में स्थित नवनिर्मित स्वामी विवेकानंद पुस्तकालय को लोकार्पित करने के उपरात उपस्थितगण से मुखातिब थे। इस मौके पर किसान खेत मजदूर काग्रेस के अध्यक्ष शमशेर सिंह सुरजेवाला भी मौजूद थे।
सुरजेवाला ने कहा कि एक करोड़ 27 लाख रुपये की लागत से बनकर तैयार हुए इस पुस्तकालय के भूमि तल और प्रथम तल पर विभिन्न कक्षों का निर्माण किया गया है। प्रथम तल पर जिला प्रशासन द्वारा एक कंप्यूटर सेंटर बनाया जाएगा, जिसमें गरीब बच्चे नि:शुल्क कंप्यूटर की शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि लगभग 15 हजार पुस्तकें इस पुस्तकालय में उपलब्ध है। शीघ्र ही इस पुस्तकालय को स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं के अनुरूप अलग-अलग विषयों की पुस्तकों व अन्य जरूरी साजो समान से लैस कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस लाईब्रेरी भवन के भूमि तल पर लाईब्रेरियन रूम, रीडिग हाल, स्टेकिंग हाल, स्टोर तथा महिला व पुरूष शौचालयों का निर्माण किया गया है। प्रथम तल पर लाईब्रेरियन रूम के साथ-साथ बच्चों के लिए स्टडी रूम, बाल गोपालों को ज्ञानवर्धक फिल्में दिखाने के दृष्टिगत आडियो विजुवल रूम, कंप्यूटर रूम, टीवी रूम, सर्वर रूम तथा स्टोर के साथ महिला व पुरूष शौचालय का निर्माण भी किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस पुस्तकालय का संचालन नगर परिषद द्वारा किया जाना है, जबकि इसके संचालन में नगर के प्रबुद्ध व्यक्तियों की एक समिति भी पूरी तरह से मदद करेगी। नाथी राम, भारत विकास परिषद के अध्यक्ष डा. जेसी मनोचा, जयपाल मान, सतीश क्योड़किया तथा नगर पार्षद सुभाष जवाहरा पुस्तकालय के संचालन में मदद करेंगे। इस अवसर पर उपायुक्त चंद्रशेखर, दिलबाग मोर, बहादुर सैनी, डा. श्याम साहनी, रामनिवास मित्तल, दरबारा नैन, डा. जगमोहन कालड़ा, बसंत जैन, रणबीर सैनी, सुरेद्र राझा एडवोकेट आदि उपस्थित थे।
Source: Dainik Jagran
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